लालबागचा राजा विसर्जन यात्रा 2025: मुंबई की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

परिचय
लालबागचा राजा 2025 का विसर्जन मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित गणपति समारोह का हिस्सा है, जो भक्ति और परंपरा का प्रतीक है।
6 सितंबर 2025 को होने वाला यह विसर्जन एक दिन का आध्यात्मिक जुलूस है, जिसमें हजारों श्रद्धालु गणपति बप्पा की मूर्ति के साथ भजन, कीर्तन और नृत्य करते हैं।
विसर्जन मार्ग और समय
विसर्जन यात्रा का प्रारंभ लालबाग पंडाल से सुबह 10:00 से दोपहर 12:00 बजे के बीच होगा। चिंचपोकली रेलवे पुल पर दोपहर 1:00 से 2:00 बजे के बीच पहुंचने की संभावना है, जिसके बाद बायकुला (डेलिस्ले रोड से बायकुला स्टेशन) में दोपहर 3:00 से शाम 5:00 बजे के बीच पहुंचेगा।
महत्वपूर्ण पड़ाव
बायकुला स्थित हिंदुस्तान मस्जिद पर एक विशेष पड़ाव होता है, जहाँ मस्जिद कमेटी के सदस्य सम्मान प्रकट करते हैं। बायकुला फायर ब्रिगेड द्वारा विशेष सम्मान दिया जाता है, जहाँ सभी वाहनों की सायरन बजाकर लालबागचा राजा का सम्मान किया जाता है।
सामाजिक एकता का प्रतीक
मार्ग पर सामाजिक संगठन पानी और शरबत के स्टॉल लगाते हैं। स्वयंसेवक प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करते हैं, और मेडिकल कैंप भी लगाए जाते हैं। मुंबई पुलिस भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हजारों कर्मियों की तैनाती करती है।
समापन
‘पुढच्या वर्षी लवकर या’ के जयघोष के साथ गिरगांव चौपाटी पर अरब सागर में मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। लालबागचा राजा का विसर्जन मुंबई की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है और यह आस्था, संस्कृति और सामुदायिक सद्भाव का एक महत्वपूर्ण क्षण बना हुआ है।