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राहुल द्रविड़: क्रिकेट के दिग्गज की कहानी

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राहुल द्रविड़ का परिचय

राहुल द्रविड़, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण नाम है। उन्हें “द वॉल” के नाम से भी जाना जाता है। द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं और भारतीय क्रिकेट को गहराई से प्रभावित किया है।

क्रिकेट करियर

द्रविड़ ने अपनी क्रिकेट यात्रा 1996 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू की। उन्होंने लगभग 24,000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाए, जिसमें 48 शतक शामिल हैं। उनका बल्लेबाजी शैली उन्हें लंबे समय तक खेलने में मददगार रही। द्रविड़ को अपनी स्थिरता और गहन तकनीक के लिए जाना जाता है।

प्रमुख उपलब्धियाँ

द्रविड़ ने 2003 में क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां भारत ने अंशकालिक परफॉरमेंस दिया। 2004 में, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहले बल्लेबाज बने जिन्हें सभी 10 टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ शतक बनाने का सम्मान प्राप्त हुआ। इसके अलावा, वे 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट में पारी के दौरान 180 रनों की शानदार पारी खेली थी।

कोचिंग और भविष्य की दिशा

जब द्रविड़ ने 2012 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा, तो उन्होंने अपनी ज्ञान और अनुभव को आने वाली पीढ़ी के साथ बांटने का निर्णय लिया। पहले अंडर-19 क्रिकेट टीम के कोच बनने के बाद, उन्हें 2021 में भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनाया गया। उन्होंने युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और उन्हें बड़ा बनाने की दिशा में प्रयास किए।

निष्कर्ष

राहुल द्रविड़ का क्रिकेट सफर प्रेरणा से भरा है। उनकी अनुशासित और तकनीकी खेल शैली ने उन्हें न केवल एक महान खिलाड़ी बल्कि एक अद्भुत कोच भी बनाया है। भविष्य में, द्रविड़ की भूमिका भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। युवा खिलाड़ियों के लिए उनका अनुभव मार्गदर्शक बना रहेगा।

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