মঙ্গলবার, মার্চ 18

रामाकांत रथ: ओडिशा के साहित्यिक स्तंभ

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रामाकांत रथ का परिचय

रामाकांत रथ, ओडिया साहित्य के एक प्रमुख कवि और लेखक हैं। उनकी कविताएँ और लेख ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं। उन्होंने अपने लेखन से न केवल पाठकों के दिलों में जगह बनाई है, बल्कि ओडिया भाषा और संस्कृति को भी प्रसार किया है। उनकी काव्य रचनाएँ अक्सर गहराई और संवेदनशीलता को दर्शाती हैं, जो उन्हें अन्य लेखकों से अलग बनाती हैं।

शैक्षिक और साहित्यिक पृष्ठभूमि

रामाकांत रथ का जन्म 1954 में ओडिशा के बरामूंडिया गाँव में हुआ। उन्होंने कटक विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की और बाद में विभिन्न स्कूलों में शिक्षक के रूप में कार्य किया। रथ ने अपनी लेखनी के माध्यम से न केवल साहित्य को समृद्ध किया बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया। उनके द्वारा लिखी गई कविताएँ मानवता, प्रेम, और आंतरिक संघर्षों पर केंद्रित होती हैं।

प्रमुख कृतियाँ

रामाकांत रथ की प्रसिद्ध कृतियों में ‘ंसोमा’, ‘कैलासा’, और ‘खण्डकाव्य’ शामिल हैं। इन कृतियों में उन्होंने न केवल ओडिशा की भाषा की सुंदरता को उजागर किया है, बल्कि उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी गहरी बातें की हैं। उनकी कविताएँ ओडिया साहित्य में एक नए दृष्टिकोण का परिचय देती हैं जो सदी की बदलती धारा को दर्शाती हैं।

सम्मान और पुरस्कार

अपने योगदान के लिए, रामाकांत रथ को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें प्रसिद्ध ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ और ‘ओडिशा साहित्य पुरस्कार’ शामिल हैं। इन पुरस्कारों ने उनकी कृतियों को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनकी लेखनी ने युवा लेखकों के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया है और ओडिया साहित्य के लिए नई संभावनाओं को खोल दिया है।

निष्कर्ष

रामाकांत रथ केवल एक कवि या लेखक नहीं हैं, बल्कि वे एक ऐसे साहित्यिक स्तंभ हैं जो ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान को एक नयी दिशा देते हैं। उनका काम न केवल आलोचकों द्वारा सराहा गया है, बल्कि पाठकों के दिलों में भी गहरी छाप छोड़ी है। उनके द्वारा लिखा गया साहित्य भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ रहेगा और यह ओडिया साहित्य की समृद्धि में इजाफा करता रहेगा।

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