राजीव गांधी: भारतीय राजनीति के स्तंभ

राजीव गांधी का परिचय
राजीव गांधी, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता और भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ और वे इंदिरा गांधी के छोटे बेटे थे। उन्होंने 1984 में प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया और 1991 तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुधार हुए जो भारत के विकास में अहम भूमिका निभाए।
राजीव गांधी का कार्यकाल
राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे। उन्होंने टेलीफोन, कंप्यूटर और डाटा संप्रेषण की तकनीकों को लागू करने में मदद की, जिसने भारत को एक तकनीकी महाशक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त किया। उनका ध्यान युवा आबादी और शिक्षा पर था, जिससे भारत में उच्च शिक्षा के संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई।
उनके द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा योजनाएं और राजीव गांधी ग्रामीण बुनियादी ढाँचा योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति दी।
राजीव गांधी का योगदान और विरासत
राजीव गांधी का सबसे बड़ा योगदान उनकी दूरदृष्टि और आधुनिक भारत के विकास में सक्रिय भूमिका थी। उनकी नीतियों ने अभूतपूर्व आर्थिक गति प्राप्त की और देश को वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा दी। हालाँकि, उनके कार्यकाल में कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा, जिसमें 1984 का सिख दंगे शामिल हैं।
राजीव गांधी को 21 मई 1991 को आतंकवादी हमले में हत्या कर दिया गया, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनके दृष्टिकोण ने भारतीय राजनीति और समाज दोनों पर गहरा प्रभाव डाला।
निष्कर्ष
राजीव गांधी का जीवन और कार्य हमें यह सिखाता है कि युवा नेतृत्व और तकनीकी नवाचार से समाज में बदलाव आ सकता है। उनका सपना था कि भारत एक अग्रणी राष्ट्र बने, और आज हम देख सकते हैं कि उनकी योजनाएँ और नीतियाँ उस सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध हुई हैं। उनके जीवन की उपलब्धियों से प्रेरणा लेकर, आज की युवा पीढ़ी को अपने देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा मिलती है।