राखी पूर्णिमा: भाई-बहन के रिश्ते का पर्व
राखी पूर्णिमा का महत्व
राखी पूर्णिमा, जिसे राखी या राखशा बंधन भी कहा जाता है, भारत में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट बंधन को मनाने के लिए जाना जाता है। हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार, भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का प्रतीक है।
राखी का अर्थ और परंपरा
इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो सुरक्षा और प्यार का प्रतीक है। प्रतिस्पर्धी जीवन शैली में, यह पर्व परिवारों को एकजुट करता है और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देता है। भाई अपनी बहनों को न केवल तोहफे देते हैं, बल्कि उनकी लंबी उम्र और खुशियों की कामना भी करते हैं।
वर्तमान में राखी का जश्न
हाल के वर्षों में राखी समारोह ने नए रंगों को अपनाया है। फेस्टिवल के दौरान दुकानों में खूबसूरत राखियाँ और उपहारों की विविधता उपलब्ध रहती है। ऑनलाइन ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों ने भी इस दिन के लिए विशेष छूट और योजनाएँ पेश की हैं, जिससे लोग अपने प्रियजनों को दूर से भी राखी भेज सकते हैं। भारत सरकार ने भी इस पर्व को राष्ट्रीय मान्यता देने का प्रस्ताव रखा है, जिससे इसे और अधिक सार्थकता मिलेगी।
निष्कर्ष
राखी पूर्णिमा केवल एक त्योहार नहीं है; यह भाई-बहन के रिश्ते की विशेषता है। इस दिन का महत्व समाज में प्रेम और एकता को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भविष्य में, यह पर्व और भी व्यावसायिकता और आधुनिकता बनाए रखेगा, परंतु इसकी जड़ों में पारिवारिक बंधन और संस्कार कभी कमजोर नहीं होंगे।