শুক্রবার, আগস্ট 8

रक्षाबंधन: भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव

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रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन एक भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को श्रद्धांजलि देता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रेशमी धागा (रक्षा बंधन) बांधती हैं, जो सुरक्षा और समर्पण का प्रतीक होता है। भाई इस प्रतिज्ञा के साथ अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। यह त्योहार भारत में हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह न केवल लव और स्नेह को बढ़ावा देता है, बल्कि पारिवारिक बंधनों को भी मजबूत बनाता है।

रक्षाबंधन की परंपरा

इस दिन, बहनें पूजा करती हैं और अपने भाइयों का तिलक करती हैं। फिर, वे भाइयों को मिठाई खिलाती हैं और उनके लिए शुभकामनाएं देती हैं। इसके बदले में, भाई अपने बहनों को उपहार देते हैं। यह त्योहार न केवल परिवारों में, बल्कि समाज में भी प्रेम और एकता का संदेश फैलाने का काम करता है। रक्षाबंधन का आयोजन विशेष तौर पर उत्तर भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जाता है, लेकिन अब यह पूरे देश में व्यापक रूप से मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का वर्तमान परिप्रेक्ष्य

जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, रक्षाबंधन का स्वरूप भी बदल रहा है। आधुनिक युग में, जबकि तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है, रक्षाबंधन की परंपरा अब केवल रेशमी धागे तक सीमित नहीं रह गई है। भाई और बहन अब इस दिन को खास बनाने के लिए यात्रा कर रहे हैं, एक-दूसरे के लिए उपहार भेज रहे हैं या फिर वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी भावनाओं को साझा कर रहे हैं। सामाजिक मीडिया पर भी इस दिन को लेकर अनेक विशेष पोस्ट और हैशटैग्स चल रहे हैं, जो इस रिश्ते की महत्वपूर्णता को दर्शाते हैं।

निष्कर्ष

रक्षाबंधन का त्योहार एक महत्वपूर्ण संस्कृति और परंपरा का प्रतीक बन गया है। यह न केवल भाई-बहन के प्यार को मनाता है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। भविष्य में भी, हम इस पर्व को मनाते हुए देखेंगे, जो हमारे पारिवारिक मूल्यों और संबंधों को मजबूत करने में सहायक होगा।

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