বুধবার, মার্চ 26

यemen: युद्ध और संकट का सामना कर रहा देश

0
5

परिचय

यemen का नाम लेना ही कई लोगों के मंजर में कष्ट और चुनौती को स्मरण करता है। यह देश पिछले कुछ वर्षों से अंदरूनी युद्ध और मानवीय संकट का सामना कर रहा है।

यemen का यह संकट मात्र स्थानीय नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव वैश्विक स्तर पर भी पड़ रहा है। वैश्विक शक्तियों की इस संघर्ष में भिन्न भिन्न भूमिकाएँ हैं, जो यemen के भविष्य और स्थिरता के लिए चिंता का विषय है।

वर्तमान स्थिति

यemen में 2014 में शुरू हुए गृह युद्ध ने हजारों मौतों का कारण बना है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। यमन के सरकारी बलों और हूथी विद्रोहियों के बीच झगड़ा तेजी से बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मानवता संगठन के अनुसार, यमन की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या खाने और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना कर रही है।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने यमन में मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश की है, लेकिन स्थिति बहुत कठिन है। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हूथी समूहों के खिलाफ बमबारी जारी रखी है।

विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया

विश्व समुदाय ने इस संकट को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों ने शांति वार्ता को प्रोत्साहित करने में प्रयास किए हैं। हालांकि, युद्ध बोध और राजनीतिक मुद्दे इस बातचीत को जटिल बना रहे हैं।

हाल ही में, एक नए प्रस्ताव के तहत, यमन के विभिन्न पक्षों से बातचीत की उम्मीद जताई गई है। यदि यह प्रयास सफल होता है, तो इससे यमन में दशकों की संघर्ष समाप्त हो सकती है और नए विकास के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।

निष्कर्ष

यemen का संकट केवल एक क्षेत्रीय समस्या नहीं, बल्कि वैश्विक संतुलन को प्रभावित करने वाला मुद्दा है। आगे की प्रक्रिया में पक्षों के बीच संवाद और समझौतों की आवश्यकता है। जब तक स्थायी शांति स्थापित नहीं होती, तब तक यमन के नागरिकों को मानवीय सहायता की आवश्यकता बनी रहेगी। इस मुद्दे पर ध्यान देना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में यमन एक स्थिर और सुरक्षित देश बन सके।

Comments are closed.