শুক্রবার, আগস্ট 8

मो गॉवडट: खुशी के विज्ञान का अनावरण

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परिचय

मो गॉवडट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और ध्यान के विशेषज्ञ, ने अपनी जानकारियों और अनुभवों के जरिए खुशी के वैज्ञानिक पक्ष पर ध्यान केंद्रित किया है। उनकी किताब ‘स्केलेबल सुकून’ ने कई लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। गॉवडट का काम इस समय बेहद प्रासंगिक है, खासकर जब दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।

मो गॉवडट की यात्रा

गॉवडट ने अपनी करियर की शुरुआत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में की, लेकिन उन्हें अपने बेटे की अप्रत्याशित मृत्यु ने मानसिक स्वास्थ्य और खुशी के प्रति उनके दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल दिया। इसी घटना ने उन्हें लोगों को खुशी के विज्ञान की ओर प्रेरित करने के लिए आगे बढ़ाया।

खुशी का विज्ञान

गॉवडट का मानना है कि खुशी सिर्फ बाहरी स्थितियों पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि यह एक गणितीय प्रक्रिया है। उनकी परिकल्पना के अनुसार, यदि हम अपने मन में नकारात्मकता को कम कर दें और सकारात्मकता को बढ़ाने पर ध्यान दें, तो हम अधिक खुश रह सकते हैं। उन्होंने खुशी की एक सरल गणना विकसित की है: हर्ष = हमारे जीवन में अच्छी चीजें – हमारी अपेक्षाएं.

वर्तमान समय की प्रासंगिकता

आज के अनिश्चित वातावरण में, जहां लोग तनाव और चिंता से जूझ रहे हैं, गॉवडट का संदेश अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। वह लोगों को सलाह देते हैं कि वे अपनी अपेक्षाओं को पुनः परिभाषित करें और अपने जीवन की अच्छाइयों पर ध्यान केंद्रित करें। उनके सिद्धांतों को अपनाने से व्यक्ति बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और जीवन में संतोष की प्राप्ति कर सकता है।

निष्कर्ष

मो गॉवडट का काम न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समग्र कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी बातें हमें यह सिखाती हैं कि खुशी एक चुनाव है, जो हमारे कार्यों और सोच पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे लोग उनके सिद्धांतों को अपनाएंगे, उम्मीद है कि वे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से बेहतर तरीके से निपट पाएंगे और एक खुशहाल जीवन जी पाएंगे।

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