সোমবার, ফেব্রুয়ারি 24

माघ पूर्णिमा 2025: धार्मिक महत्व और ढंग से मनाने की विधि

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माघ पूर्णिमा का महत्व

माघ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे माघ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से स्नान, दान और पूजा का बड़ा महत्व है। माघ पूर्णिमा को गंगास्नान करने वाली तिथियों में से एक माना जाता है, और इसे पुण्य स्नान का दिन कहा जाता है। माघ शुक्ल पूर्णिमा को गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पवित्रता और आत्मिक शुद्धि का दिन माना जाता है।

माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि

माघ पूर्णिमा 2025 में 24 फरवरी, रविवार को पड़ेगी। इस दिन विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की परंपरा है। श्रद्धालु इस दिन अपने स्वजनों के साथ मिलकर पूजा-आराधना करते हैं और गरीबों को दान देते हैं।

अन्य धार्मिक रीतियाँ

माघ पूर्णिमा के दिन लोग व्रत रखते हैं और विशेष रूप से मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, इस दिन हवन और संकद्धि चतुर्दशी का भी महत्व है। परमात्मा का ध्यान करने से समस्त पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

समापन

माघ पूर्णिमा केवल एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्माण और समाज सेवा का भी संदेश देती है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कार्यों का विशेष महत्व है। वर्ष 2025 में माघ पूर्णिमा को मनाने में अनुशासन और श्रद्धा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सभी श्रद्धालुओं से निवेदन है कि इस दिन अपनी पूजा-पद्धति और धार्मिक उत्सवों को धूमधाम से मनाएं और अपने समाज के लोगों की भलाई के लिए भी कुछ करें।

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