বুধবার, জুলাই 23

महाशिवरात्रि 2023: महत्व और धार्मिक विधियाँ

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महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि, भगवान शिव की आराधना का एक विशेष पर्व है, जो हर वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चौदस को मनाया जाता है। इस दिन devotees भगवान शिव की उपासना करते हैं और रात भर जागरण करते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व केवल हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि समस्त भारतीय संस्कृति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

महाशिवरात्रि के दिन, भक्त प्रात: जल्दी उठकर स्नान करते हैं और फिर शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ‘वट्सला’ है जिसमें भक्त गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और चीनी से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इसके अतिरिक्त, शिवरात्रि पर व्रति करना भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भक्त अन्न-जल का सेवन नहीं करते और केवल फल और दूध का ही सेवन करते हैं।

महाशिवरात्रि के विशेष आयोजन

इस पर्व पर अनेक मठों, मंदिरों और सामाजिक संगठनों द्वारा भजन-कीर्तन और संकीर्तन का आयोजन किया जाता है। कई स्थानों पर, विशेष रूप से हरिद्वार, काशी और उज्जैन जैसे तीर्थ स्थलों पर, महाशिवरात्रि के अवसर पर विशाल मेले आयोजित होते हैं। यहाँ लोग भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति के साथ श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

निष्कर्ष

महाशिवरात्रि केवल धार्मिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह हमें आत्मिक शांति और एकाग्रता का भी पाठ पढ़ाती है। शोध और अध्ययन बताते हैं कि इस दिन की पूजा से मानसिक शांति और थकान दूर करने में मदद मिलती है। भविष्य में, महाशिवरात्रि का पर्व ना केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए आध्यात्मिक जागरूकता का माध्यम बनेगा।

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