मदर टेरेसा: मानवता की मसीहा

परिचय
मदर टेरेसा, जिनका जन्म अगस्त 1910 में Albania के स्कोप्जे में हुआ था, उन्होंने अपने जीवन को मानवता की सेवा में समर्पित किया। उनके कार्यों और सेवा ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में एक प्रिय और सम्मानित व्यक्तित्व बना दिया। मदर टेरेसा का उद्देश्य गरीबों, निस्वार्थ सेवा और बीमारों की देखभाल करना था।
मदर टेरेसा का जीवन और कार्य
मदर टेरेसा ने 1948 में भारतीय नागरिकता स्वीकार की और 1950 में कोलकाता में “मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी” की स्थापना की। यह संगठन बेगर, अनाथों और बीमार लोगों के लिए आश्रय और चिकित्सा प्रदान करता है। मदर टेरेसा द्वारा स्थापित इस संस्था ने गरीबों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके कार्यों के कारण उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दुनिया भर में प्रभाव
मदर टेरेसा के योगदानों ने दुनिया भर में लोगों को प्रेरित किया है। उनके विचारों और कार्यों ने मानवता की सेवा को नई दिशा दी। उन्होंने जीवन भर यह सिखाया कि किसी भी व्यक्ति को सम्मान, प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। उनके सेवाभाव ने लाखों लोगों को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
निष्कर्ष
मदर टेरेसा का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाता है कि मानवता की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। आज भी उनके विचार और कार्य हमें प्रेरित करते हैं। समाज में उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य सभी को करना चाहिए। उनकी शिक्षाएँ हमें सिखाती हैं कि दया और सहानुभूति के साथ जीना ही असली सफलता है। मदर टेरेसा का योगदान सदियों तक याद रखा जाएगा, और उनका नाम मानवता के महान मसीहा के रूप में अमर रहेगा।









