সোমবার, ফেব্রুয়ারি 24

मकर ज्योति 2025: धार्मिक महत्व और जानकारी

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मकर ज्योति का परिचय

मकर ज्योति, भारत के दक्षिणी राज्य केरल में एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, विशेष रूप से मंदिरों में मनाया जाता है। यह उत्सव मुख्यत: मकर संक्रांति के दौरान होता है, जहां भक्त विशेष रूप से सबरीमला अयप्पा मंदिर में आते हैं। मकर ज्योति भारतीय संस्कृति में नेत्रदीपक और अनंत प्रकाश का प्रतीक है, जो अंत में शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

मकर ज्योति 2025 की तिथियाँ और कार्यक्रम

2025 में, मकर ज्योति उत्सव 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर मनाया जाएगा। इस दिन लाखों श्रद्धालु सबरीमला के मंदिर में एकत्र होकर नए वस्त्र पहनते हैं, विशेष पूजा करते हैं और देवता अयप्पा की आराधना करते हैं। इसके अतिरिक्त, भक्त मकर ज्योति के दर्शन के लिए खास तौर पर अंधेरे में चमकती ज्योतियों के दर्शन करते हैं। यह समय है जब भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

मकर ज्योति की महत्वता

मकर ज्योति को भारतीय संस्कृति में एक अनोखी परंपरा माना जाता है। यह एक ऐसा समय है जब श्रद्धालु अपनी इच्छाओं और मांगों को लेकर देवी-देवताओं के सामने प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन की गई प्रार्थनाएँ सुन ली जाती हैं और लोग इस अनुष्ठान से भौतिक और आत्मिक साधनों की प्राप्ति की उम्मीद करते हैं।

निष्कर्ष

मकर ज्योति 2025 का उत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, परंपरा और एकता का प्रतीक भी है। इस दिन होने वाली विशेष पूजा और अनुष्ठानों से भक्तों में श्रद्धा और विश्वास की एक नई लहर दौड़ती है। भविष्य में, मकर ज्योति का उत्सव भारतीय संस्कृति में और भी प्रकाशमान होता जाएगा। सभी भक्तों से अपील है कि वे इस अवसर पर उपस्थित होकर इसे सार्थक बनाएं।

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