সোমবার, জুন 23

भारत गेट: भारतीय संस्कृति का प्रतीक

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भारत गेट का ऐतिहासिक महत्व

भारत गेट, जो नई दिल्ली में स्थित है, भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह स्मारक भारतीय सशस्त्र बलों के उन सैनिकों के सम्मान में स्थापित किया गया था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में अपने जीवन का बलिदान दिया था। यह स्मारक 42 मीटर ऊँचा है और इसे 1931 में उद्घाटन किया गया था। स्मारक पर उकेरे गए नामों की सूची इस बात का प्रमाण है कि कैसे भारतीय सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर किया।

भारत गेट का स्वरूप और स्थापत्य

भारत गेट को वास्तुकार सर एडीटिड अल्फ्रेड ड्यूरंड ने डिज़ाइन किया था। इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से किया गया है। स्मारक के चारों ओर हरे भरे गार्डन हैं, जो इसे और भी सुंदर बनाते हैं। रात में, जब स्मारक को रोशनी से सजाया जाता है, तो यह दृश्य देखते ही बनता है।

समर पूजा: शहीदों की याद में

भारत गेट के नीचे एक अमर जवान ज्योति स्थापित की गई है, जहाँ युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों की स्मृति में हर शाम एक समारोह होता है। इस ज्योति को जलाने के लिए विशेष देखभाल की जाती है और यह दिखाती है कि देश अपने शहीदों को कभी नहीं भूलेगा। हर वर्ष कई लोग यहाँ आकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

पर्यटन और संस्कृति

भारत गेट दिल्ली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं। यहाँ पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सवों की वजह से यह स्थान और भी लोकप्रिय हो गया है। विशेषकर, गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड में इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

निष्कर्ष

भारत गेट न केवल एक स्मारक है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और बलिदान का प्रतीक भी है। यह स्मारक लोगों को सहानुभूति और देशभक्ति की भावना से भर देता है। ऐसे में, भारत गेट का महत्व केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक भी है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी।

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