সোমবার, নভেম্বর 10

भारत का राष्ट्रीय गीत: एक गौरवमयी धुन

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राष्ट्रीय गीत का महत्व

भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ है, जो न केवल एक उत्कृष्ट संगीत रचना है, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक भी है। रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित यह गीत भारत की संस्कृति, एकता और विविधता का प्रतीक है।

गीत की उत्पत्ति

‘वन्दे मातरम्’ को सर्वप्रथम 1882 में रवींद्रनाथ ठाकुर ने अपनी काव्यिका ‘आनंदमठ’ में लिखा। यह गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए गाया जाता था।

राष्ट्रीय पहचान और स्वीकृति

1963 में भारत सरकार ने इसे आधिकारिक राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी। यह हिंदू और मुसलमानों के बीच एकता का प्रतीक बन गया और भारतीय संस्कृति की अनेकता को दर्शाता है।

महत्वपूर्ण अवसर और उत्सव

हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर इस गीत को गाना एक पारंपरिक मान्यता है। यह भारतीय सशस्त्र बलों के परेड समारोहों का भी हिस्सा है।

निष्कर्ष

भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वन्दे मातरम्’ न केवल एक गीत है, बल्कि यह हमारे देश की आत्मा और संस्कृति का प्रतीक है। यह हमें एकता, साहस और संघर्ष की भावना से भर देता है। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह गीत एक प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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