মঙ্গলবার, সেপ্টেম্বর 9

बॉलीवुड की महान अभिनेत्री तनूजा: एक यादगार सफर से लेकर वर्तमान तक

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एक शानदार कैरियर की शुरुआत

तनूजा का प्रारंभिक जीवन फिल्मों और कैमरों के आसपास घूमता रहा। उनकी माँ शोभना सामर्थ एक अभिनेत्री थीं और पिता कुमारसेन सामर्थ फिल्म निर्माता थे। उन्होंने महज पांच साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म ‘हमारी बेटी’ में अभिनय किया था।

कला में महारत

उनकी शुरुआती फिल्मों में से एक ‘बहारें फिर भी आयेंगी’ (1966) थी, जिसका निर्देशन शहीद लतीफ ने किया था। गुरु दत्त की टीम ने उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद की। इसका परिणाम यह हुआ कि एक प्राकृतिक और सहज कलाकार ने एक बेहद संयमित प्रदर्शन दिया, जो फिल्म का मुख्य आकर्षण बन गया।

उन्हें जासूसी फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ (1967) में उनके प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार के लिए पहली बार नामांकित किया गया। इसके बाद जीतेंद्र के साथ ‘जीने की राह’ (1969) में नजर आईं, जो एक तत्काल और आश्चर्यजनक हिट साबित हुई। उसी वर्ष उन्होंने ‘पैसा या प्यार’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता।

व्यक्तिगत जीवन और विरासत

वयोवृद्ध अभिनेत्री तनूजा को आज भी रजत पटल की आकर्षक लड़की के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी अभिनय यात्रा के दौरान कई दिलों को मोह लिया। तनूजा अपनी स्पष्टवादी और करिश्माई व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं, दोनों गुण उनकी बेटियों काजोल और तनिषा ने विरासत में पाए हैं।

महान अभिनेत्री ने कई शानदार फिल्में की हैं। हालांकि, उन्होंने इसे शीर्ष पर पहुंचने की दौड़ के रूप में कभी नहीं लिया, बल्कि उन्होंने अभिनय की प्रक्रिया का आनंद लिया।

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