সোমবার, জুলাই 14

बीसीजी वैक्सीन और इसका महत्व

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बीसीजी वैक्सीन का परिचय

बीसीजी (Bacillus Calmette-Guérin) वैक्सीन, ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के खिलाफ एक प्रमुख टीकाकरण है। इसकी स्थापना 1921 में फ्रांसीसी वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी। यह टीबी के गंभीर रूपों से सुरक्षा प्रदान करती है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कई देशों में अनुशंसित किया गया है।

वैक्सीनेशन के महत्व

भारत में, टीबी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, और बीसीजी वैक्सीन इसे रोकने के लिए एक मजबूत उपाय है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 2.5 मिलियन लोग भारत में टीबी का शिकार होते हैं। बीसीजी वैक्सीनेशन नवजातों को आमतौर पर जन्म के बाद 24 घंटों के भीतर दिया जाता है। यह वैक्सीन विशेष रूप से बच्चों में मैनिंजाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) और गंभीर टीबी रोग से सुरक्षा प्रदान करती है।

वर्तमान घटनाक्रम

हाल ही में, भारत में टीबी के खिलाफ एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है, जिसमें बीसीजी वैक्सीनेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 2023 के अंत तक सभी बच्चों को बीसीजी वैक्सीन प्रदान करने की योजना बनाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से देश में टीबी के मामलों में काफी कमी आएगी।

निष्कर्ष

बीसीजी वैक्सीन न केवल टीबी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि इसके माध्यम से समाज में स्वास्थ्य सुरक्षा का स्तर भी बढ़ता है। इस टीके का प्रभावी उपयोग भारत में टीबी के खिलाफ चल रही लड़ाई को मजबूत कर रहा है। भविष्य में, टीबी पर काबू पाने के लिए यदि हम इस दौर को और बढ़ावा देते हैं, तो हम स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

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