पोषण अभियान: बच्चों और माताओं के लिए स्वस्थ भविष्य

पोषण अभियान का महत्व
भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला पोषण अभियान, जो कि 2018 में शुरू किया गया था, का मुख्य उद्देश्य देश में कुपोषण और कम वजन की समस्याओं से निपटना है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और दूध पिलाने वाली माताओं के स्वास्थ्य को सुधारने पर केंद्रित है।
पोषण अभियान की मुख्य गतिविधियां
इस अभियान के अंतर्गत अनेक गतिविधियां शामिल हैं, जैसे:
- स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा: समुदाय में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाना।
- संवर्धित खाद्य और पोषण संबंधी सेवाओं की उपलब्धता।
- कुपोषण का पता लगाने के लिए परीक्षण और स्वास्थ्य मापदंड।
हाल की प्रगति और चुनौतियां
पोषण अभियान ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। भारत में कुपोषण की दर 2015-16 में लगभग 38% से घटकर 2021-22 में 35% हो गई है। हालांकि, इसे और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासों की आवश्यकता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी जानकारी की कमी है।
भविष्य की संभावनाएं
पोषण अभियान के तहत भारतीय सरकार ने 2024 तक कुपोषण के स्तर को और कम करने का लक्ष्य रखा है। इसमें समुदाय के सहयोग और जन जागरूकता की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर पोषण संबंधी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
निष्कर्ष
पोषण अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए एक जिम्मेदारी है। इसके प्रभावी कार्यान्वयन से हम अपने बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकते हैं, जो कि हमारे देश के भविष्य की नींव हैं।