সোমবার, নভেম্বর 10

पोलियो: वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती और इसके समाधान

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पोलियो क्या है?

पोलियो, जिसे पोलियोमायलाइटिस भी कहा जाता है, एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है। यह बीमारी वंशानुगत संक्रमण के माध्यम से फैलती है और इससे मांसपेशियों में कमजोरी या लकवा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा रिपोर्ट के अनुसार, पोलियो के कारण अब तक दुनिया भर में लाखों लोगों को पीड़ित होना पड़ा है।

पोलियो के लक्षण और कारण

पोलियो का वायरस आमतौर पर मुँह के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और आंतों में संक्रमण पैदा करता है। इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, थकावट, सिरदर्द और उल्टी शामिल हैं। गंभीर मामलों में, यह बीमारी मांसपेशियों को लकवा कर सकती है।

टिकाकरण और रोकथाम

सालों से पोलियो से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों ने हर साल पोलियो के खिलाफ व्यापक टीकाकरण अभियानों का आयोजन किया है। भारत में भी पोलियो मुक्त होने के लिए 1995 से अनिवार्य पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

हाल के आंकड़े और वैश्विक प्रयास

2023 में, WHO ने बताया कि दुनिया भर में पोलियो के मामलों में कमी आई है। लेकिन कुछ क्षेत्रों, जैसे कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान, अभी भी पोलियो के खिलाफ जूझ रहे हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों का प्रयास निरंतर जारी है।

निष्कर्ष

पोलियो एक गंभीर एवं संक्रामक रोग है, लेकिन सही जानकारी और प्रभावी टीकाकरण से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करें और पोलियो मुक्त दुनिया की ओर बढ़ें। इसके लिए सामूहिक जागरूकता और स्वास्थ्य अभियान जरूरी हैं।

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