निरजला एकादशी कब है और इसका महत्व

निरजला एकादशी का महत्व
निरजला एकादशी, जिसे संत एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण उपवास दिन है। यह एकादशी विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा मनाई जाती है जो पूरे दिन पानी और अन्न का सेवन नहीं करते। माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से भक्तों को मोक्ष और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
निरजला एकादशी की तिथि
2023 में निरजला एकादशी का पर्व 31 मई को मनाया जाएगा। यह दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आता है, जो हर साल विभिन्न तिथियों पर पड़ता है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।
उपवास एवं पूजा विधि
निरजला एकादशी पर उपवास करने वालों को पूरे दिन अन्न एवं जल का सेवन नहीं करना होता। लोगों का मानना है कि इस दिन केवल फल और सूखे मेवे खाकर ही उपवास करना चाहिए। पूजा के दौरान भक्त भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण करते हैं और विशेष रूप से तुलसी के पत्तों का उपयोग करते हैं। भक्त इस दिन ‘भगवान के नाम की जप’ करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति और लाभ मिलता है।
महत्व और लाभ
कई भक्त मानते हैं कि निरजला एकादशी का उपवास जीवन में सुख-समृद्धि लाता है। यह न केवल भौतिक सुख के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आत्मिक विकास में भी सहायक है। इसे मानव आत्मा के लिए पुनर्निर्माण का दिन माना जाता है। इस दिन उपवास करने से व्यक्ति की माया और सांसारिक बंधनों से मुक्ति पाने की संभावना बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
निरजला एकादशी का पर्व हर साल भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि आत्मिक शुद्धता और संतोष का साधन है। यदि आप इस विशेष दिन का उपवास करने का विचार कर रहे हैं, तो इसके महत्व को समझें और इसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाएं।