नारायण मूर्ती: भारतीय प्रौद्योगिकी के मसीहा

नारायण मूर्ती का परिचय
नारायण मूर्ती, जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के अग्रणी माने जाते हैं, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उनका नाम न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विख्यात है, जहाँ उन्होंने आईटी क्षेत्र में क्रांति ला दी।
उनका योगदान
1981 में, नारायण मूर्ती ने साथी उद्यमियों के साथ मिलकर इंफोसिस की स्थापना की। उनकी दृष्टि थी कि भारतीय आईटी क्षेत्र में विश्वस्तरीय सेवाएं प्रदान करने की क्षमता है। आज, इंफोसिस दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सेवाओं की कंपनियों में से एक है और इसके पास हजारों कर्मचारी हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करते हैं।
मूर्ती ने प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें शिक्षा पर जोर और एंटरप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहित करना शामिल है। उनका मानना है कि सही दिशा में नेतृत्व और कोशिशों से भारत वैश्विक प्रौद्योगिकी के केंद्र में तब्दील हो सकता है।
समाज में योगदान
नारायण मूर्ती केवल एक सफल उद्योगपति नहीं हैं, बल्कि वे समाज सेवा में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने ‘नारायण मूर्ती फाउंडेशन’ की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में कार्य कर रही है। यह फाउंडेशन विशेषकर वंचित वर्गों को सहायता प्रदान करता है।
निष्कर्ष
नारायण मूर्ती का दृष्टिकोण उनके सामर्थ्य और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी के लिए एक मॉडल है। उन्होंने यह साबित किया है कि व्यवसायिक सफलता के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी महत्वपूर्ण है। आगे बढ़ते हुए, उनकी उपलब्धियों से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी, और भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई पर पहुँचाने की प्रेरणा मिलेगी।