धारावी: एक सामाजिक और आर्थिक अध्ययन

धारावी का महत्व
धारावी, मुंबई में स्थित, एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती मानी जाती है। यहाँ पर लगभग 6,50,000 लोग निवास करते हैं और यह क्षेत्र न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मील का पत्थर है। धारावी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहाँ विभिन्न उद्योगों का विकास होता है जो इसके निवासियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
धारावी की आर्थिक गतिविधियाँ
धारावी की आर्थिक गतिविधियाँ विविध हैं, जिसमें छोटे कारखाने, खाद्य उत्पादन, कारीगरों और व्यापारियों का एक बड़ा समूह शामिल है। यहाँ पर कई कामकाजी वर्ग के लोग रिवर्स साइकिलिंग, जूते निर्माण, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और घर का बना खाने का व्यवसाय करते हैं। ये सभी गतिविधियाँ धारावी को सोशल और इकोनॉमिक रूप से सक्रिय बनाए रखती हैं। यहाँ की कुल अर्थव्यवस्था का अनुमान ₹ 10,000 करोड़ से अधिक है।
समाजिक चुनौतियाँ
हालांकि धारावी आर्थिक विकास की एक जीवंत मिसाल है, लेकिन यहाँ घरों की खराब स्थिति, स्वच्छता की कमी और शिक्षा में अभाव जैसी कई चुनौतियाँ भी हैं। इस बस्ती में पानी और साफ-सफाई की समस्याएँ प्रमुख हैं, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। सरकार और कई एनजीओ इन समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं, ताकि धारावी के निवासियों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।
भविष्य की संभावनाएँ
भविष्य में, धारावी में विकास की संभावनाएँ उज्ज्वल हैं। विश्व बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएँ यहाँ पर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए धन प्रदान कर रही हैं। धारावी का पुनर्विकास योजना तैयार की जा रही है, जिससे लोगों को बेहतर आवास और रोजगार के अवसर मिल सके।
निष्कर्ष
धारावी केवल एक झुग्गी बस्ती नहीं है, बल्कि यह मुंबई के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने का अभिन्न हिस्सा है। यहाँ की समस्याएँ गंभीर हैं, लेकिन समुदाय की ताकत और विकास की संभावनाएँ इसे एक आशाजनक स्थान बनाती हैं। इसे समझना और नवीनीकरण की प्रक्रिया को समर्थन देना आवश्यक है ताकि यहाँ के निवासियों का जीवन सुधारा जा सके।