সোমবার, নভেম্বর 10

दीपावली: भारत का प्रमुख प्रकाश उत्सव

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दीपावली का महत्व

दीपावली, जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो प्रत्येक वर्ष अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रकाश, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। दीपावली का अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’ और यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। इस दिन, लोग अपने घरों को दीपक और रंग-बिरंगी लेटरियों से सजाते हैं, जो इस त्यौहार की खासियत है।

दीपावली के दिन मनाए जाने वाले रिवाज

दीपावली का त्यौहार मुख्यतः चार दिन मनाया जाता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जब लोग नए बर्तन और सोने-चाँदी के आभूषण खरीदते हैं। दूसरे दिन ‘नरक चतुर्दशी’ या काली चौदस मनाई जाती है, जब लोग अपने पुराने बुरे कर्मों को खत्म करने की कोशिश करते हैं। तीसरे दिन, मुख्य दीपावली होती है, जब लोग लक्ष्मी पूजा करते हैं। चौथे दिन, भाई दूज मनाया जाता है, जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

दीपावली का सामाजिक महत्व

दीपावली सिर्फ एक धार्मिक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। इस दिन, लोग एक-दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। यह दिन सभी के लिए खुशी का अवसर है, जिससे परिवार और दोस्तों के बीच संबंध और मजबूत होते हैं।

दीपावली का पर्यावरणीय पहलू

हाल ही में कई पर्यावरणीय संगठनों ने दीपावली के दौरान पटाखों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है, जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। इसके बजाय, लोग अब पर्यावरण के अनुकूल उपायों जैसे कि दीयों का उपयोग और सजावट में प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल करने पर जोर दे रहे हैं।

निष्कर्ष

दीपावली का त्यौहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा की सुंदरता को भी दर्शाता है। यह हमें एकजुट होने, प्रेम और शांति फैलाने की प्रेरणा देता है। भविष्य में, अगर हम इस त्यौहारी संस्कृति को पर्यावरण के अनुकूल बनाए रख सकें, तो यह और भी अधिक विशेष होगा।

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