दशहरा महोत्सव: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक

दशहरा पर्व का महत्व
दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व रावण द्वारा भगवान राम की जीत का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। दशहरा हर साल अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से हिंदू धर्म में मान्यता प्राप्त है, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में इसके मनाने के तरीके में भिन्नता है।
हाल के दशहरे के समारोह
2023 में, दशहरा भारत भर में धूमधाम के साथ मनाया गया। कई शहरों में भव्य रावण दहन के आयोजन हुए, जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। दिल्ली में, लाल किला मैदान पर एक विशाल समारोह आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। मुंबई, कोलकाता, और दिल्ली जैसे शहरों में, विभिन्न पूजा स्थलों पर बड़े पैमाने पर झांकियां सजाई गईं। ये झांकियां रामायण के विभिन्न दृश्यों को दर्शाती थीं, जो दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव देती थीं।
दशहरा का सांस्कृतिक महत्व
दशहरा एक ऐसा पर्व है, जो लोगों को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी जोड़ता है। इस दिन, परिवार और दोस्त एकत्रित होकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं। यह पर्व हर भारतीय के लिए एक नई शुरुआत, सद्भाव और एकता का प्रतीक है।
निष्कर्ष
दशहरा महोत्सव हर साल लोगों को एकत्रित करता है, उन्हें अच्छाई की शक्ति का महत्व याद दिलाता है, और पुनर्मिलन का एक अद्भुत अवसर प्रदान करता है। माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में, इस पर्व की मान्यता और भी बढ़ेगी और यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।









