বুধবার, এপ্রিল 16

डोनाल्ड ट्रंप के शासन में भारत पर टैरिफ नीति

0
14

डोनाल्ड ट्रंप का व्यापारिक दृष्टिकोण

डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति, ने अपने कार्यकाल में व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए। उन्होंने देशों के प्रति अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए कई कठोर कदम उठाए, जिसमें भारत जैसे देशों के खिलाफ टैरिफ में वृद्धि शामिल थी।

भारत के प्रति टैरिफ नीतियाँ

ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाए, जिसने अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में तनाव उत्पन्न किया। 2018 में, ट्रंप ने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ाने के अलावा, विभिन्न कृषि उत्पादों पर भी शुल्क बढ़ाने का फैसला किया। यह कदम भारतीय उत्पादकों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुए और भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की।

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने भी अपने संज्ञान में लिया और अमेरिका से आयातित कुछ उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की। यह खेल टैरिफ, कृषि उत्पादों, और अन्य सामानों तक फैला। ‘सामान की अदला-बदली’ को लेकर यह तनाव दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को प्रभावित करता रहा।

भविष्य की संभावनाएँ

हालांकि ट्रंप प्रशासन समाप्त हो चुका है, परंतु भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर इसके प्रभाव अभी भी महसूस किए जा सकते हैं। मौजूदा प्रशासन ने टैरिफ को लेकर एक नया दृष्टिकोण अपनाया है, लेकिन भारत को अभी भी इन व्यापारिक समीकरणों के बीच संतुलन बनाना होगा।

उपसंहार

भारत पर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ नीतियाँ न केवल दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि वैश्विक व्यापार नीति में भी महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई हैं। जैसे-जैसे वैश्विक व्यापार उभरता है, भारत और अमेरिका के बीच संवाद और सहयोग आवश्यक होगा। भविष्य में व्यापारिक चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए दोनों देशों को स्पष्ट और सशक्त नीतियों की आवश्यकता होगी।

Comments are closed.