বৃহস্পতিবার, সেপ্টেম্বর 11

टीसीएस की बड़ी छंटनी: भारतीय आईटी क्षेत्र में नया दौर शुरू

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परिचय

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने जुलाई 2025 में एक बड़ा कदम उठाते हुए 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की, जो कंपनी के 613,000 वैश्विक कर्मचारियों का 2% है। यह भारतीय आईटी इतिहास में सबसे बड़ी कर्मचारी कटौती है।

महत्वपूर्ण विवरण

यह छंटनी मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन स्तर के पदों को प्रभावित करेगी। जूनियर कर्मचारियों पर यह तब प्रभाव डालेगी जब वे लंबे समय तक बिना प्रोजेक्ट के रहेंगे – विशेष रूप से जो 35 दिनों के भीतर नए प्रोजेक्ट नहीं पा सकते। टीसीएस ने हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता में अपने कार्यालयों में अनियुक्त कर्मचारियों के लिए जल्द से जल्द प्रोजेक्ट खोजने या नौकरी खोने की नीति लागू की है।

हालांकि, कंपनी ने 1 सितंबर 2025 से कर्मचारियों को 4.5% से 7% तक का वेतन वृद्धि देने की घोषणा की है, जिसमें टॉप परफॉर्मर्स को 10% से अधिक की बढ़ोतरी मिलेगी। एक ईमेल में कर्मचारियों को बताया गया कि यह वेतन संशोधन C3A ग्रेड तक के सभी योग्य एसोसिएट्स के लिए है, जो कार्यबल का 80% हिस्सा है। यह कदम प्रतिभाओं को बनाए रखने और मनोबल बढ़ाने के लिए उठाया गया है, ऐसे समय में जब भारतीय आईटी क्षेत्र क्लाइंट में देरी, धीमी राजस्व वृद्धि और एआई-संचालित व्यवधानों से जूझ रहा है।

भविष्य का प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दो से तीन वर्षों में लगभग 400,000 से 500,000 पेशेवरों की नौकरियां खतरे में हैं क्योंकि उनके कौशल क्लाइंट की मांगों के अनुरूप नहीं हैं। इनमें से लगभग 70% छंटनी 4-12 वर्षों के अनुभव वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगी।

यह उद्योग, जिसने भारत में मध्यम वर्ग के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, अब बेसिक कोडिंग से लेकर मैनुअल टेस्टिंग और कस्टमर सपोर्ट तक हर चीज के लिए एआई का उपयोग कर रहा है। मार्च 2025 तक इस क्षेत्र में 5.67 मिलियन लोग कार्यरत थे और यह भारत के जीडीपी का 7% से अधिक था।

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