মঙ্গলবার, সেপ্টেম্বর 16

जितिया परान समय का महत्व और विधि

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जितिया पर्व का संक्षिप्त इतिहास

जितिया पर्व भारत के कई हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में। यह पर्व माताओं द्वारा अपने पुत्रों की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माताएं उपवास रखकर अपने पुत्रों के लिए प्रार्थना करती हैं।

जितिया परान का समय

इस वर्ष, जितिया परान का समय 2023 में 27 सितंबर को पड़ रहा है। परान का समय सुबह 6:30 बजे से लेकर सुबह 8:45 बजे तक रहेगा। इस समय के बीच माताएं अपने उपवास का पारण करती हैं। यह समय ज्ञान और आनंद की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

जितिया पर्व की विधि

जितिया पर्व के दौरान, माताएं निर्जला उपवास रखती हैं और पर्व के दिन, सूर्य उदय के साथ ही अपने पुत्रों के लिए तैयार किए गए विशेष व्यंजनों का प्रसाद चढ़ाती हैं। इसमें मुख्यत: जौ, चूड़ा, फल और मीठे पदार्थ शामिल होते हैं।

महत्व और सांस्कृतिक संदर्भ

यह पर्व न केवल माताओं के प्यार और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और पारिवारिक बंधनों को भी मजबूत करता है। इसे मनाने के दौरान, परंपरागत गीत गाए जाते हैं और माताएं अपने बच्चों के लिए मंगल कामनाएं करती हैं।

निष्कर्ष

जितिया परान का समय और पर्व का महत्व हर परिवार में विशेष है। माताओं की प्रार्थनाएं उनके पुत्रों के कल्याण के संदर्भ में होती हैं। इसे लेकर जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ीयां इस परंपरा को जीवित रख सकें। साथ ही, समय का ध्यान रखते हुए उत्सव को सही ढंग से मनाने का महत्व भी समझना चाहिए।

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