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जवाई बांध: जहां तेंदुए और मानव सद्भाव से रहते हैं

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परिचय

जवाई, राजस्थान के पाली जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव, जो अब राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है। यह स्थान अपनी ग्रेनाइट की चट्टानी पहाड़ियों, नदी के जंगलों और सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है।

इतिहास और महत्व

जवाई बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वारा किया गया था। बांध निर्माण का विचार 1903 में आया जब मानसून के दौरान बाढ़ ने पाली और जालौर जिले में भारी नुकसान पहुंचाया। इसे अंततः 1946 में मूर्त रूप दिया गया। परियोजना का उद्देश्य नदी पर बांध का निर्माण, जल भंडार का निर्माण था, जिसका उपयोग सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकता था।

वन्यजीव और पारिस्थितिकी

वन निरीक्षकों के सर्वेक्षण के अनुसार, जवाई की ग्रेनाइट पहाड़ियों में लगभग 50 से 60 तेंदुए रहते हैं। इस क्षेत्र की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां अभी तक शिकार का कोई खतरा नहीं है और इसके परिणामस्वरूप तेंदुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

इस क्षेत्र की पहाड़ियां और जंगल 200 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का घर हैं, जिनमें लुप्तप्राय व्हाइट-बेलीड सी ईगल, ग्रे-हेडेड फिश ईगल और पेंटेड स्टॉर्क शामिल हैं। आगंतुक इन भव्य प्राणियों को देखने के लिए गाइडेड बर्डवाचिंग टूर ले सकते हैं।

सामुदायिक सह-अस्तित्व

स्थानीय लोग इन बड़ी बिल्लियों को क्षेत्र के बुराई से रक्षक के रूप में मानते हैं। जवाई बांध के आसपास विभिन्न मंदिर हैं जहां मनुष्य और तेंदुए दोनों जाते हैं। यहां एक भी ऐसी घटना दर्ज नहीं है जहां किसी तेंदुए ने किसी मनुष्य को नुकसान पहुंचाया हो।

पर्यटन और भविष्य

जवाई बांध वन्यजीव का एक कैलीडोस्कोप है, जो प्राकृतिक सौंदर्य को कुछ सांस्कृतिक आकर्षणों के साथ जोड़ता है। यह रोमांचक तेंदुआ सफारी, शांत बर्ड वाचिंग और सांस्कृतिक ग्राम भ्रमण का घर है, जो इको-पर्यटकों के लिए एक स्वप्निल गंतव्य है।

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