রবিবার, মার্চ 23

जल विवाद: ईथोपिया बनाम मिस्र के प्रमुख मुद्दे

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परिचय

ईथोपिया और मिस्र के बीच का जल विवाद, विशेष रूप से नील नदी के जल वितरण को लेकर, हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। यह विवाद केवल क्षेत्रीय देशों को ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि नील नदी पर निर्भर लाखों लोगों के जीवन पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।

मुख्य विवाद

नील नदी, जो ईथोपिया से होकर गुजरती है और मिस्र में समाप्त होती है, पर दोनों देशों के बीच जल का अधिकार और उपयोग का प्रश्न हैं। ईथोपिया का ग्रैंड एथियोपियन रिनेसांस डैम (GERD) समुद्र की जल आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है, जिससे मिस्र में पानी की कमी का खतरा पैदा हो सकता है। हाल के वर्षों में, ईथोपिया ने डैम का निर्माण शुरू किया, जिससे मिस्र ने चिंता व्यक्त की।

संविधान और वार्ताएँ

ईथोपिया और मिस्र के बीच इस विवाद को समाप्त करने के लिए कई बार वार्ताएँ हुई हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। मिस्र का तर्क है कि नील नदी पर उनकी निर्भरता के कारण उन्हें जल वितरण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जबकि ईथोपिया का कहना है कि उसके विकास में नील के जल का उपयोग आवश्यक है। ऐसे में, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

निष्कर्ष

ईथोपिया बनाम मिस्र का जल विवाद केवल दो देशों के बीच नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से जुड़ा हुआ है। यदि जल्द ही कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो इसके नकारात्मक परिणामों से न केवल ईथोपिया और मिस्र, बल्कि समस्त पूर्वी अफ्रीका भी प्रभावित होगा। नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, उम्मीद है कि भविष्य में बातचीत और सहयोग की नई पहल शुरू की जा सकेगी।

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