শনিবার, আগস্ট 16

जन्माष्टमी कब है 2023 और इसके महत्व

0
1

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी, भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, और यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन, देशभर में भक्त विभिन्न पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और राधा-कृष्ण की झांकियाँ सजाते हैं।

जन्माष्टमी कब है 2023

इस वर्ष, जन्माष्टमी का पर्व 6 सितंबर 2023 को मनाया जाएगा। रात्रि 12:00 बजे के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माना जाता है, इसलिए भक्त रातभर जागकर पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से ‘दही हांडी’ का पर्व भी मनाया जाता है, जहाँ युवा समूह ऊँचाई पर रखी दही की हांडी को तोड़ने की प्रतिस्पर्धा करते हैं।

जन्माष्टमी की तैयारी

भक्त जन्माष्टमी के पर्व की तैयारी पहले से करते हैं। घरों को सजाने के साथ-साथ नीम के नये पत्ते और फूलों से माहौल को भी सुगंधित बनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विशेष प्रकार के पकवान बनाते हैं जो भगवान कृष्ण को भोग लगाने के लिए होते हैं। विशेष रूप से ‘भोग’ जिसमें माखन, दूध, और मिठाइयाँ शामिल होती हैं।

निष्कर्ष

जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रेम, भक्ति और सामूहिकता का प्रतीक है। इस दिन की तैयारियों और समारोहों से युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और परंपराओं को जानने का अवसर मिलता है। जन्माष्टमी का पर्व हम सभी को एकजुट करता है और नए सिरे से ऊर्जा प्रदान करता है। इस वर्ष, भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव एक सच्चा आनंद लेकर आए।

Comments are closed.