মঙ্গলবার, অক্টোবর 14

छठ पूजा पर छठ गीतों का महत्व और प्रवृत्तियाँ

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छठ पूजा: एक महत्वपूर्ण पर्व

छठ पूजा एक प्राचीन बिहार का पर्व है जो सूर्य देवता और छठी मईया की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें भक्तगण विशेष रूप से व्रत रखते हैं। छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले छठ गीत इस पर्व की आत्मा हैं। ये गीत भक्तों के भावनाओं और आस्था को व्यक्त करते हैं और इस पर्व की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं।

छठ गीतों का महत्व

छठ गीतों का महत्व इस पर्व में अद्वितीय है। ये गीत न सिर्फ भक्तों को जोड़ते हैं बल्कि उन्हें सूर्य देवता की महिमा को भी स्मरण कराते हैं। गीतों की धुन और बोल में गहरी भक्ति और श्रद्धा होती है, जिससे भक्त अपने ईश्वर के प्रति अपनी प्रेम को आवाज देते हैं। इन गीतों में प्रकृति, आस्था और सामाजिक एकता की झलक मिलती है।

मुख्य छठ गीत

छठ पूजा में कई प्रसिद्ध छठ गीत गाए जाते हैं, जैसे “केलवा मिले ला”, “उगीहे सूरज देव” और “छठी मैया के गीत”। यह गीत विधिवत मंदिरों, घाटों, और घरों में गाए जाते हैं, विशेषकर उस वक्त जब सूर्य उगता या अस्त होता है। ये गीत भक्तों को एकत्रित करते हैं और एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं।

छठ गीतों का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

छठ गीतों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ये गीत विभिन्न परिवारों और समुदायों के बीच सहयोग और एकता को बढ़ावा देते हैं। छठ पूजा के दौरान ध्वनि का यह उत्सव एक अद्भुत रिवाज में बदल जाता है, जहां सभी लोग मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। यह गीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

निष्कर्ष

छठ गीत केवल धार्मिक आस्था का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि ये सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को भी उजागर करते हैं। अगले वर्षों में भी इस परंपरा को बनाए रखने के लिए, महत्वपूर्ण है कि युवा पीढ़ी इन गीतों को अपनाए और इसे आगे बढ़ाए।

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