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चठ गीत: छठ पूजा की रौनक और महत्व

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छठ पूजा का महत्व

छठ पूजा, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो सूर्य देवता और चंडी माता की पूजा का प्रतीक है। यह त्योहार मुख्य रूप से चार दिनों तक चलता है और इसमें भक्त सूर्य देवता से स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं।

चठ गीतों का महत्व

छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले चठ गीत इस पर्व की आत्मा माने जाते हैं। ये गीत प्राचीन भारतीय लोककथाओं, आस्था और सांस्कृतिक विरासत की गहरी छाप को दर्शाते हैं। चठ गीत न केवल पूजा के समय को सुंदर बनाते हैं, बल्कि यह भक्तों को एकता और सामूहिकता का अनुभव भी कराते हैं।

प्रसिद्ध चठ गीत

छठ पूजा के दौरान कई प्रसिद्ध चठ गीत गाए जाते हैं, जैसे ‘उगीहे सूरज देव’, ‘कांति भईले रामा’ और ‘सुरज देवता हमरा लपूचु’। ये गीत सूर्योदय और सूर्यास्त की पूजा के समय गाए जाते हैं, जिसमें भक्त अपने-अपने आस्था के अनुसार मंत्र और प्रार्थना करते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

चठ गीत सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का प्रतीक भी हैं। विभिन्न समुदायों में इन गीतों का गाना त्योहार के जश्न में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे एकता और भाईचारे की भावना उत्पन्न होती है। इस बार छठ पूजा में लाखों लोग अपने-अपने घरों पर चठ गीतों को गाकर मनाएंगे।

निष्कर्ष

चठ गीत छठ पूजा के अनिवार्य भाग हैं, जो इसे और अधिक आकर्षक बनाते हैं। आज की युवा पीढ़ी को इन गीतों को गाने और प्रचारित करने के लिए प्रेरित करने से, हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में सफल होंगे। आने वाले वर्षों में, चठ गीतों की महत्ता बढ़ती जाएगी, और ये हमारी पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बने रहेंगे।

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