রবিবার, জুলাই 27

चंद्रशेखर आजाद: स्वतंत्रता संग्राम के नायक

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चंद्रशेखर आजाद का परिचय

चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों में से एक थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुआ था। आजाद ने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए न केवल अपने जीवन का बलिदान दिया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आजाद का संघर्ष

आजाद ने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। वे अपने बड़े आदर्शों और सामर्थ्य के कारण जल्द ही युवा लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए। उन्होंने ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में शामिल हो कर सशस्त्र संघर्ष का रास्ता चुना।

मुख्य कार्य और योगदान

आजाद के प्रमुख कार्यों में लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेना, काकोरी कांड और बम फेंकने की घटनाएँ शामिल हैं। उन्होंने अपने साथी क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अनेक साहसी कार्य किए। उनकी युद्धनीति और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारत के युवाओं के बीच प्रेरणा का स्रोत बना दिया।

आजाद का बलिदान

चंद्रशेखर आजाद ने 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद में अपनी अंतिम लड़ाई लड़ी। जब अंग्रेजों ने उन्हें घेर लिया, तो उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला किया ताकि वह बंधी हुई स्थिति में नहीं आ सकें। यही उनके साहस और बलिदान की सबसे बड़ी मिसाल है।

निष्कर्ष

चंद्रशेखर आजाद का जीवन और उनके संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे उन युवा क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा बने जो आजादी के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। उनका बलिदान आज भी हर भारतीय के दिल में जिंदा है। वे न केवल एक क्रांतिकारी थे, बल्कि एक विचारक और सेनानी के रूप में भी स्मरण किए जाते हैं। चंद्रशेखर आजाद की विरासत हमारे देश के भविष्य को प्रेरित करती रहेगी।

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