সোমবার, সেপ্টেম্বর 8

गुरुग्राम जलमग्न: भारी बारिश से महानगर में आई बाढ़, प्रशासन ने जारी किया वर्क फ्रॉम होम का आदेश

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भारी बारिश से गुरुग्राम में जलभराव

गुरुग्राम में 4 घंटों में 100 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण प्रशासन ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया और वर्क-फ्रॉम-होम तथा ऑनलाइन कक्षाओं की सलाह दी।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष और जिलाधिकारी अजय कुमार ने एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की, जिसमें सभी कॉरपोरेट कार्यालयों और निजी संस्थानों को कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा प्रदान करने और सभी स्कूलों को 02-09-2025 को ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया गया।

प्रभावित क्षेत्र और यातायात स्थिति

शहर में कई जलभराव वाले हॉटस्पॉट पहचाने गए हैं, जिनमें नरसिंहपुर, खंडसा चौक, राजीव चौक, सेक्टर 9ए भारद्वाज चौक, ताऊ देवी लाल स्टेडियम (सेक्टर 38), ज्वाला मिल रोड, सेक्टर 28 (चक्करपुर) और लक्ष्मण विहार शामिल हैं।

एनएच-48 पर देर रात तक यातायात रेंगता रहा, कारें, ट्रक और दुपहिया वाहन घंटों तक फंसे रहे। यात्रियों द्वारा साझा किए गए वीडियो में वाहन फंसे हुए और निवासी कमर तक पानी में चलते हुए दिखाई दे रहे थे। सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन पर, जो सबसे व्यस्त इंटरचेंज में से एक है, भीड़ जलमग्न प्रवेश द्वारों से गुजरने के लिए संघर्ष कर रही थी।

मूल कारण और भविष्य की चुनौतियां

गुरुग्राम की बाढ़ प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह मानव निर्मित संकट है – जो दशकों के लापरवाह शहरीकरण, पर्यावरणीय उपेक्षा और इसके नागरिकों की सामूहिक चुप्पी का परिणाम है। इस संकट की जड़ में उन प्रणालियों का विनाश है जो एक समय क्षेत्र की रक्षा करती थीं।

क्या जलवायु परिवर्तन इन घटनाओं में योगदान कर रहा है? हां, जलवायु परिवर्तन से चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें भारी वर्षा और बाढ़ भी शामिल हैं।

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