সোমবার, জুলাই 7

कमाख्या मंदिर: शक्ति और श्रद्धा का ऐतिहासिक स्थल

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कमाख्या मंदिर का परिचय

कमाक्या मंदिर, जो कि असम के गुवाहाटी में स्थित है, हिंदू धर्म में शक्ति का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यह मंदिर माँ दुर्गा के एक स्वरूप, कमाख्या देवी को समर्पित है और यहाँ पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है।

इतिहास और महत्ता

कमाख्या मंदिर का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर आदिवासी आस्था और संस्कृतियों का प्रतीक है। यहाँ पर शक्तिपीठों की एक श्रृंखला पाई जाती है, जो इसे विशेष बनाती है। इस मंदिर के अनुसार, देवी सती की योनिकुंड यहाँ पर गिरी थी। यहाँ होने वाली ‘अंबुवाची’ पूजा हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करती है, जिसमें श्रद्धालु देवी की मातृत्व शक्ति का आभार मानते हैं।

वर्तमान में चल रही गतिविधियाँ

इस वर्ष, कमाख्या मंदिर में अंबुवाची मेले की तैयारी धूमधाम से चल रही है। यह मेला हर साल जून में आयोजित होता है और इसे विशेष तौर पर महिलाओं का श्रद्धा का पर्व माना जाता है। मेले में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना है। फिर भी, कोविड-19 महामारी के कारण नियमों का पालन करते हुए प्रतिबंधों के बावजूद, इस बार की भागीदारी अपेक्षाकृत अधिक हो सकती है।

निष्कर्ष

कमाख्या मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का एक अमूल्य प्रतीक है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न केवल देवी की कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि यहाँ के अद्भुत माहौल में आध्यात्मिक शांति भी महसूस करते हैं। आगामी अंबुवाची मेले और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से यह मंदिर और भी अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होगा, जिससे इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता और भी बढ़ेगी।

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