শুক্রবার, জুলাই 25

एनएमसी: भारतीय चिकित्सा शिक्षा में परिवर्तन

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एनएमसी का परिचय

भारत में चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, 2019 में भारतीय मेडिकल काउंसिल (IMC) को समाप्त करके राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) का गठन किया गया। NMC का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता, पारदर्शिता और पहुँच को बढ़ावा देना है।

एनएमसी के मुख्य उद्देश्य

NMC का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • चिकित्सा शिक्षा के मानकों में सुधार करना
  • चिकित्सा पाठ्यक्रम की आधुनिकता और उसकी प्रासंगिकता सुनिश्चित करना
  • दुनिया के अन्य देशों के साथ चिकित्सकीय क्षमता को मान्यता देना
  • अस्पताल और चिकित्सा संस्थानों के निर्माण और प्रबंधन में सुधार करना

वर्तमान में एनएमसी की गतिविधियाँ

हाल ही में, एनएमसी ने नई दिशानिर्देशों को लागू किया है, जिनमें अंडरग्रेजुएट (MBBS) पाठ्यक्रम में संशोधन और PG पाठ्यक्रम की संरचना में बदलाव शामिल हैं। एनएमसी के अनुसार, विद्यार्थियों को अधिक व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए कार्यशालाएँ और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, एनएमसी ने ‘NEET’ परीक्षा के माध्यम से प्रवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाया है, जिससे छात्रों के लिए प्रक्रिया अधिक सुलभ हो सके। इससे पहले, विभिन्न राज्यों में विभिन्न परीक्षा प्रणालियाँ थीं, जो विद्यार्थियों के लिए भ्रमित करती थीं।

निष्कर्ष

एनएमसी का गठन भारतीय चिकित्सा शिक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य गुणवत्ता को सुधारना है। हालांकि, इसके कारगर होने के लिए आवश्यक है कि सभी हितधारक इसमें पूरे दिल से शामिल हों। अगर NMC अपनी योजनाओं को सही तरीके से लागू करता है, तो भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिससे देश में स्वास्थ्य सुविधाएँ और भी सशक्त हो सकती हैं।

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