एआईएडीएमके संकट: के.ए. सेंगोट्टैयन की बर्खास्तगी से पार्टी में बढ़ा तनाव

महत्वपूर्ण घटनाक्रम
तमिलनाडु की प्रमुख राजनीतिक पार्टी एआईएडीएमके से वरिष्ठ नेता के.ए. सेंगोट्टैयन को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा वी.के. शशिकला, ओ. पन्नीरसेल्वम और टी.टी.वी. धिनकरन जैसे निष्कासित नेताओं की पार्टी में वापसी की मांग के बाद की गई।
पृष्ठभूमि और विवाद
सेंगोट्टैयन, जो 9 जनवरी 1948 को जन्मे, 1977 से सत्यमंगलम और गोबीचेट्टीपालयम विधानसभा क्षेत्रों से विधायक रहे हैं। उन्होंने परिवहन, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व और स्कूल शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला है।
सेंगोट्टैयन का मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए एकजुट एआईएडीएमके आवश्यक है। उन्होंने पार्टी महासचिव ई.के. पलानीस्वामी (ईपीएस) को 10 दिन का समय दिया है निष्कासित नेताओं को वापस लाने के लिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो समान विचारधारा वाले सदस्य स्वयं एकजुटता की पहल करेंगे।
वर्तमान स्थिति और प्रभाव
पार्टी ने सेंगोट्टैयन के साथ-साथ उनके छह समर्थकों को भी एरोड ग्रामीण पश्चिम जिले से हटा दिया है।
जयललिता के निधन के बाद से आंतरिक मतभेदों का सामना कर रही एआईएडीएमके अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है। सेंगोट्टैयन के कड़े रुख ने पार्टी में गहन चर्चा छेड़ दी है, और कई लोग सुलह के लिए पलानीस्वामी की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।