সোমবার, জুন 23

ई-सिगरेट: एक नयी पीढ़ी की धूम्रपान आदत

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ई-सिगरेट का परिचय

ई-सिगरेट, जिसे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी कहा जाता है, वे उपकरण हैं जो निकोटिन युक्त लिक्विड को भाप में बदलते हैं। यह धूम्रपान का एक वैकल्पिक रूप प्रस्तुत करता है और इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में, ई-सिगरेट के उपयोग में भारी वृद्धि देखी गई है।

वर्तमान में ई-सिगरेट का चलन

भारत में, ई-सिगरेट का उपयोग बढ़ता जा रहा है। 2020 में, केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था, लेकिन फिर भी इसके उपयोग में कमी नहीं आई। हालाँकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य स्वास्थ्य संगठनों ने ई-सिगरेट के संभावित स्वास्थ्य खतरों के बारे में चेतावनी दी है, लेकिन युवा वर्ग इसकी आकर्षकता और विभिन्न फ्लेवर के कारण इन्हें चुन रहा है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

ई-सिगरेट का स्वास्थ्य पर कोई स्पष्ट प्रभाव स्थापित नहीं हुआ है, लेकिन कई अध्ययनों ने यह दिखाया है कि यह निकोटिन की लत को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ई-सिगरेट का उपयोग युवा दर्शकों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसमें उच्च स्तर के निकोटिन आपके मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, विशेष रूप से किशोरों में।

निष्कर्ष

ई-सिगरेट के उपयोग को लेकर समाज में कई तरह की चर्चा और चिंताएँ हैं। युवा पीढ़ी के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विषय पर और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि इसके दुष्प्रभावों का सही-सही पता लगाया जा सके। इसके साथ ही, माता-पिता और शिक्षकों को इस विषय पर अवबोधन बढ़ाना चाहिए, ताकि युवा इसके खतरों को समझ सकें।

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