সোমবার, ডিসেম্বর 8

ईद उल अज़्हा 2023: त्योहार का महत्व और आयोजन

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ईद उल अज़्हा का महत्व

ईद उल अज़्हा, जिसे ‘बकरी eid’ के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार हर साल उम्मा के लोगों द्वारा श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह धार्मिक पर्व अल्लाह की आज्ञा और इब्राहीम (अब्दुल्ला) की बलिदान की कहानी से जुड़ा होता है, जब उन्होंने अपने बेटे को अल्लाह की राह में बलिदान करने के लिए तैयार किया था।

ईद उल अज़्हा का आयोजन

ईद उल अज़्हा 2023 का आयोजन 28 जून को हो सकता है, हालांकि तिथि चाँद के दर्शन पर निर्भर करती है। यह त्योहार आमतौर पर 10वीं ज़िल्हिज्जाह को मनाया जाता है। इस दिन, मुसलमान ताजगी और पारस्परिक संबंधों के प्रतीक के रूप में जानवरों की बलि देते हैं। बलिदान के बाद उसका मांस तीन भागों में बाँट दिया जाता है – एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों और तीसरा हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए।

समुदाय में एकता और भाईचारा

ईद उल अज़्हा को मनाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू यह है कि यह समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। समाज में शामिल सारे लोग मिलकर नमाज़ अदा करते हैं, एक-दूसरे के साथ मिठाई बांटते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। इस वर्ष, कोविड-19 महामारी के बाद, ईद समारोह और भी विशेष होने की उम्मीद है, क्योंकि लोग फिर से एकत्रित होने और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ साझा करने के लिए तैयार हैं।

निष्कर्ष

ईद उल अज़्हा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में एकता, प्यार और सह्रदयता का महत्त्व बताता है। इस विशेष दिन पर, हर कोई एक साथ आकर न केवल अपने खुद के लिए बल्कि समाज के लिए भी खुशी और सामर्थ्य का अनुभव करता है। शॉर्ट में, इस ईद का त्यौहार सभी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो आपसी सहयोग और सच्चे रिश्तों को और मजबूत बनाता है।

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