आईएसआई: भारतीय मानक संस्थान की भूमिका और महत्व

आईएसआई का परिचय
भारतीय मानक संस्थान (ISI) भारत की एक प्रमुख मानक संगठन है, जो गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणन के माध्यम से विभिन्न उत्पादों और सेवाओं को मानकीकृत करने का कार्य करती है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराना और उद्योगों को आवश्यक मानक निर्धारित करना है। ISI सिम्बल, जो किसी उत्पाद पर अंकित होता है, यह दर्शाता है कि उत्पाद ने उन मानकों को पूरा किया है जो कि भारतीय मानक संस्थान द्वारा निर्धारित किए गए हैं।
महत्व और भूमिका
ISI प्रमाणन भारत में निर्यात और आयात के लिए भी आवश्यक है। यह न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्पादों की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। आजकल उपभोक्ता अधिक जागरूक हो गए हैं और वे प्रमाणित उत्पाद खरीदना पसंद करते हैं, जिससे ISI का महत्व और बढ़ गया है।
इसका उदाहरण हमने कोविड-19 के दौरान देखा, जब कई कंपनियों ने हैंड सेनेटाईज़र और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उत्पादन किया। ISI मानक ने इस दौरान उपभोक्ताओं को सुरक्षा का आश्वासन दिया।
विकास के लिए भविष्यवाणी
आने वाले समय में, यह अपेक्षित है कि ISI मानक और भी विस्तृत होंगे, खासकर तकनीकी और पर्यावरणीय उत्पादों के लिए। भारतीय सरकार ने भी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत स्वदेशी उत्पादों के लिए मानक बढ़ाने की योजना बनाई है। यह न केवल उपभोक्ता की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि उद्योगों को भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का मौका देगा।
निष्कर्ष
भारतीय मानक संस्थान (ISI) न केवल गुणवत्ता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में भी योगदान कर रहा है। एक प्रमाणित उत्पाद का चयन उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का एक माध्यम है। इससे हमें फिर से यह समझ में आता है कि गुणवत्ता और मानक का पालन करना हमारे देश और समाज दोनों के लिए कितना आवश्यक है।